मिल मालिक की सारी अनुनय-विनय बेकार गई। देश के प्रधानमंत्री ने कम मूल्य की साड़ियाँ ही दाम देकर अपने परिवार के लिए खरीदीं। ऐसे महान थे शास्त्रीजी, लालच जिन्हें छू तक नहीं सका था। एक दोपहर एक लोमड़ी जंगल से गुजर रही थी और एक उदात्त शाखा के ऊपर से https://movie-reviews-in-hindi14774.wikidirective.com/7183064/not_known_details_about_what_to_do_for_success_in_hindi