सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ तुह्मरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै।। भाल चन्द्रमा सोहत नीके । कानन कुण्डल नागफनी के॥ नासै रोग हरे https://shivchalisas.com